तिरुवनंतपुरम।
सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मामले पर दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सात जजों की पीठ गठित करने को कहा है। इस पर टिप्पणी करते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि उनकी सरकार ने इस फैसले पर ज्यादा स्पष्टता मांगी है। उन्होंने कहा कि जब तक इस फैसले पर विस्तृत जानकारी नहीं मिल जाती तब तक 2018 का शीर्ष अदालत का फैसला बरकरार रहेगा। इस संबंध में विशेषज्ञों से राय ली जाएगी।
सर्वोच्च अदालत ने 2018 में फैसला सुनाते हुए महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में जाने की अनुमति दे दी थी। विजयन ने कहा, 'क्या सात जजों की पीठ सबरीमाला मुद्दे में लैंगिंक समानता पर चर्चा करेगी? या फिर पीठ पूरे मामले की दोबारा से सुनवाई करेगी। हमें इस पर ज्यादा स्पष्टता चाहिए।'
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए फैसले में पुराने फैसले को पलटा नहीं गया है। इसका मतलब हुआ कि सुप्रीम कोर्ट के 2018 में सुनाया गया फैसला लागू रहेगा और महिलाओं के मंदिर में जाने पर प्रतिबंध नहीं लगेगा।
सर्वोच्च अदालत ने 2018 में फैसला सुनाते हुए महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में जाने की अनुमति दे दी थी। विजयन ने कहा, 'क्या सात जजों की पीठ सबरीमाला मुद्दे में लैंगिंक समानता पर चर्चा करेगी? या फिर पीठ पूरे मामले की दोबारा से सुनवाई करेगी। हमें इस पर ज्यादा स्पष्टता चाहिए।'
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए फैसले में पुराने फैसले को पलटा नहीं गया है। इसका मतलब हुआ कि सुप्रीम कोर्ट के 2018 में सुनाया गया फैसला लागू रहेगा और महिलाओं के मंदिर में जाने पर प्रतिबंध नहीं लगेगा।
पीठ ने 3:2 के मत से आगे भेजा मामला
पांच जजों की पीठ ने 3:2 के मत से सबरीमाला मंदिर मामले को सात जजों की पीठ को भेजने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा, '2018 के सु्प्रीम कोर्ट के फैसले पर स्टे की मांग की गई थी, लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया। नए निर्णय के मुताबिक यथा स्थिति बनाए रखनी है।'